1. मै खुद को गैरो सा बदलता रहा।
लोग ज़ख्म देते गए मै मरहम मलता रहा।।
गुनाह इतना सा था कि मै उनमें ही खो गया।।
अफसोस इतना सा है, ये गुनाह कैसे हो गया।।
2. उसकी जुबां से निकला वो अल्फ़ाज़ वही है।
उसकी आंखो में दफन वो गहरा राज, वही है।
मै कैसे मान लूं, उसने भुला दिया है मुझे,
क्योंकि आज भी उसके देखने का अंदाज वही है।
3. तुम छोड़ कर गए तो क्या,अंदर ही अंदर टूट गए हम,
प्यार का किस्सा खत्म हुआ, धड़कनें अभी बाकी है।
एक ठोकर लगी, लड़खड़ाकर कर संभाल गए हम,
तुम्हारे बाद अभी कई और का आना जाना बाकी है।
4. जब खुद में खुद ना रहा, किसी और के खातिर,
वो दौर मुझे आज, बहुत याद आ रहा है।।
मै हर रोज लड़ता रहा, जमाने से जिसके खातिर,
वो आज हमसे ही लड़ कर जा रहा है।।
मेरी नजरों से कभी ओझल ना हुआ जो शख्स,
वो मेरी नजरों से नजरें चुरा कर मीलों दूर जा रहा है।।
और अफसोस उसके छोड़ जाने का नहीं होगा मुझे,
पर साथ वो अपने मेरा वजूद लेकर जा रहा है।।
पर साथ वो अपने मेरा वजूद लेकर जा रहा है।।
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Heart broken




Kya hi behtreen likhte ho ... really heart touching 💯💯🙏
ReplyDeleteThankyou 😇
DeleteSuperfine
ReplyDeleteThankyou 😇
DeleteNyc♥️
ReplyDeletethanks
DeleteNice
ReplyDeletethanks
DeleteAti uttam
ReplyDeleteDhanyawad
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