1. कुछ आंखे भी नम थी, कुछ गम दिल में था।हजारों की भीड़ थी , अकेला महफ़िल में था।।बड़े मुद्दतो बाद, संभाला था खुद को, रो दिया,तेरी यादों का गुबार, जो अहल-ए-दिल में था।।
2.उसकी कब्र पर चढ़ा दो गर पास तुम्हारे कफ़न है।पर मत उखाड़ो वो राज जो इस दिल में दफन है।बहोत रो चुका मै उसकी याद में, पर अब और नहीं।बड़े अर्से बाद हुआ ये दिल, इकबार फिरसे मगन है।।
3. वो मेरे होकर भी मुझसे दूर हो रहे थे,उलझने लगे थे मुझसे, मुझे अपना बताने में,मसला मोहब्बत थी शायद,पर वो झगड़ने लगे थे, अपना हक जताने में ।हां प्यार बराबरी का था, दोनो के दरमियां,गलत-फहमियाँ थी, एक दूसरे को समझने समझाने में।।
4. बिखर जाता है मन, तुझे याद करते करते,तुमसे मिलने की तम्मना, हर रोज सताती है।कुछ प्यार भरे लम्हे याद आते है, फिर नाराजगी,तेरे हिस्से की शामें, यूं तन्हा गुजर जाती है।।
5. पत्थर की लकीरों से, वादे थे कई,अब उनमें, बदलते मौसमी ढंग नजर आते है,तमाम उम्र चाहत रही, जिन ख्वाहिशों को पाने की,उन बिखरती ख्वाहिशों के रंग नजर आते है।और मोहब्बत, मोहब्बत पे इतराने वाले भी खामोश है,नम आंखे, टूटा दिल, चेहरे से दंग नजर आते है।।
6. तेरे पास होकर भी तेरे पास नहीं हूं।एकबार आ जाऊं पास, किसी बहाने से,तेरे साथ होकर भी तेरे साथ नहीं हूं।मिल जाए तेरा साथ किसी फसाने से,करता हूं कोशिश सुधार लूं गलतियां ताकि,तुझे पा लूं दोबारा फिर किसी अफसाने से।।
-- आलोक कुशवाहा --
Tags:
Heart broken
🔥🔥
ReplyDeleteTotally heart broken 💔
ReplyDelete